महाभारतम् — 12.24.4
Original
Segmented
ततः कदाचिद् लिखितः शङ्खस्य आश्रमम् आगमत् यदृच्छया अपि शङ्खो ऽथ निष्क्रान्तो ऽभवद् आश्रमात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततः | ततस् | pos=i |
| कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
| लिखितः | लिखित | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शङ्खस्य | शङ्ख | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आगमत् | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
| यदृच्छया | यदृच्छा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| शङ्खो | शङ्ख | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽथ | अथ | pos=i |
| निष्क्रान्तो | निष्क्रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽभवद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| आश्रमात् | आश्रम | pos=n,g=m,c=5,n=s |