महाभारतम् — 12.240.4
Original
Segmented
इन्द्रियाणाम् पृथग्भावाद् बुद्धिः विक्रियते हि अणु शृण्वती भवति श्रोत्रम् स्पृशती स्पर्श उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इन्द्रियाणाम् | इन्द्रिय | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| पृथग्भावाद् | पृथग्भाव | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| विक्रियते | विकृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| हि | हि | pos=i |
| अणु | अणु | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| शृण्वती | श्रु | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| श्रोत्रम् | श्रोत्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| स्पृशती | स्पृश् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| स्पर्श | स्पर्श | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |