महाभारतम् — 12.240.7
Original
Segmented
कदाचिद् लभते प्रीतिम् कदाचिद् अपि शोचते न सुखेन न दुःखेन कदाचिद् इह युज्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
| लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| शोचते | शुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| सुखेन | सुख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| दुःखेन | दुःख | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| कदाचिद् | कदाचिद् | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| युज्यते | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |