महाभारतम् — 12.253.48
Original
Segmented
सागर-अनूपम् आश्रित्य तपः तप्तम् त्वया महत् न च धर्मस्य संज्ञाम् त्वम् पुरा वेत्थ कथंचन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सागर | सागर | pos=n,comp=y |
| अनूपम् | अनूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आश्रित्य | आश्रि | pos=vi |
| तपः | तपस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तप्तम् | तप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| धर्मस्य | धर्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| संज्ञाम् | संज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| वेत्थ | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lit |
| कथंचन | कथंचन | pos=i |