महाभारतम् — 12.255.1
Original
Segmented
जाजलिः उवाच यथा प्रवर्तितो धर्मः तुलाम् धारयता त्वया स्वर्ग-द्वारम् च वृत्तिम् च भूतानाम् अवरोत्स्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जाजलिः | जाजलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यथा | यथा | pos=i |
| प्रवर्तितो | प्रवर्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| धर्मः | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तुलाम् | तुला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| धारयता | धारय् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| स्वर्ग | स्वर्ग | pos=n,comp=y |
| द्वारम् | द्वार | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| भूतानाम् | भूत | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| अवरोत्स्यते | अवरुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |