महाभारतम् — 12.258.37
Original
Segmented
स्त्रिया हि परमो भर्ता दैवतम् परमम् स्मृतम् तस्य आत्मना तु सदृशम् आत्मानम् परमम् ददौ सर्व-कार्य-अपराध्-त्वात् न अपराध्यन्ति च अङ्गनाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्त्रिया | स्त्री | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| परमो | परम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भर्ता | भर्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| दैवतम् | दैवत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| परमम् | परम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| स्मृतम् | स्मृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आत्मना | आत्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| सदृशम् | सदृश | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| परमम् | परम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| ददौ | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
| अपराध् | अपराध् | pos=va,comp=y,f=krtya |
| त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| अपराध्यन्ति | अपराध् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| च | च | pos=i |
| अङ्गनाः | अङ्गना | pos=n,g=f,c=1,n=p |