महाभारतम् — 12.259.23
Original
Segmented
सत्यवान् उवाच तान् न शक्नोषि चेत् साधून् परित्रातुम् अहिंसया कस्यचिद् भूत-भव्यस्य लाभेन अन्तम् तथा कुरु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सत्यवान् | सत्यवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| न | न | pos=i |
| शक्नोषि | शक् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| चेत् | चेद् | pos=i |
| साधून् | साधु | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| परित्रातुम् | परित्रा | pos=vi |
| अहिंसया | अहिंसा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| कस्यचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भूत | भू | pos=va,comp=y,f=part |
| भव्यस्य | भू | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=krtya |
| लाभेन | लाभ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अन्तम् | अन्त | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तथा | तथा | pos=i |
| कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |