महाभारतम् — 12.261.20
Original
Segmented
अनारम्भाः सु धृति शुचयो ब्रह्म-संश्रिताः ब्रह्मणा एव स्म ते देवान् तर्पयन्ति अमृत-एषिणः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अनारम्भाः | अनारम्भ | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| सु | सु | pos=i |
| धृति | धृति | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| शुचयो | शुचि | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| संश्रिताः | संश्रि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| ब्रह्मणा | ब्रह्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| स्म | स्म | pos=i |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तर्पयन्ति | तर्पय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
| एषिणः | एषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |