महाभारतम् — 12.262.23
Original
Segmented
नक्षत्राणि इव धिष्ण्येषु बहवः तारका-गणाः आनन्त्यम् उपसंप्राप्ताः संतोषाद् इति वैदिकम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नक्षत्राणि | नक्षत्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| धिष्ण्येषु | धिष्ण्य | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| बहवः | बहु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| तारका | तारका | pos=n,comp=y |
| गणाः | गण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| आनन्त्यम् | आनन्त्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| उपसंप्राप्ताः | उपसंप्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| संतोषाद् | संतोष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| वैदिकम् | वैदिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |