महाभारतम् — 12.268.8
Original
Segmented
किंचिद् एव ममत्वेन यदा भवति कल्पितम् तद् एव परितापाय नाशे सम्पद्यते पुनः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| ममत्वेन | ममत्व | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| यदा | यदा | pos=i |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कल्पितम् | कल्पय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| परितापाय | परिताप | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| नाशे | नाश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सम्पद्यते | सम्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुनः | पुनर् | pos=i |