महाभारतम् — 12.277.3
Original
Segmented
सगर उवाच किम् श्रेयः परमम् ब्रह्मन् कृत्वा इह सुखम् अश्नुते कथम् न शोचेत् न क्षुभ्येद् एतद् इच्छामि वेदितुम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सगर | सगर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| श्रेयः | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| परमम् | परम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| इह | इह | pos=i |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| शोचेत् | शुच् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| न | न | pos=i |
| क्षुभ्येद् | क्षुभ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| वेदितुम् | विद् | pos=vi |