महाभारतम् — 12.282.16
Original
Segmented
प्राण-संताप-निर्दिः काकिण्यो ऽपि महा-फल न्यायेन उपार्जय् दत्ताः किम् उत अन्याः सहस्रशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्राण | प्राण | pos=n,comp=y |
| संताप | संताप | pos=n,comp=y |
| निर्दिः | निर्दिश् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| काकिण्यो | काकिणी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| फल | फल | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| न्यायेन | न्याय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| उपार्जय् | उपार्जय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| दत्ताः | दा | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| किम् | किम् | pos=i |
| उत | उत | pos=i |
| अन्याः | अन्य | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |