महाभारतम् — 12.282.2
Original
Segmented
वृत्तिः चेद् न अस्ति शूद्रस्य पितृपैतामही ध्रुवा न वृत्तिम् परतो मार्गेत् शुश्रूषाम् तु प्रयोजयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| चेद् | चेद् | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| शूद्रस्य | शूद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पितृपैतामही | पितृपैतामह | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| ध्रुवा | ध्रुव | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| परतो | परतस् | pos=i |
| मार्गेत् | मार्ग् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| शुश्रूषाम् | शुश्रूषा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| प्रयोजयेत् | प्रयोजय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |