महाभारतम् — 12.283.3
Original
Segmented
वाणिज्यम् पाशुपाल्यम् च तथा शिल्प-उपजीवनम् शूद्रस्य अपि विधीयन्ते यदा वृत्तिः न जायते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वाणिज्यम् | वाणिज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| पाशुपाल्यम् | पाशुपाल्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| तथा | तथा | pos=i |
| शिल्प | शिल्प | pos=n,comp=y |
| उपजीवनम् | उपजीवन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शूद्रस्य | शूद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| विधीयन्ते | विधा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| यदा | यदा | pos=i |
| वृत्तिः | वृत्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| जायते | जन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |