महाभारतम् — 12.285.36
Original
Segmented
पराशर उवाच शृणु मे ऽत्र महा-राज यत् माम् त्वम् परिपृच्छसि यानि कर्माणि अहिंस्रानि नरम् त्रायन्ति सर्वदा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पराशर | पराशर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ऽत्र | अत्र | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| राज | राज | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| परिपृच्छसि | परिप्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| यानि | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| कर्माणि | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| अहिंस्रानि | अहिंस्र | pos=a,g=n,c=1,n=p |
| नरम् | नर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्रायन्ति | त्रा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| सर्वदा | सर्वदा | pos=i |