महाभारतम् — 12.287.10
Original
Segmented
वीत-रागः जित-क्रोधः सम्यग् भवति यः सदा विषये वर्तमानो ऽपि न स पापेन युज्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वीत | वी | pos=va,comp=y,f=part |
| रागः | राग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जित | जि | pos=va,comp=y,f=part |
| क्रोधः | क्रोध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| विषये | विषय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| वर्तमानो | वृत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पापेन | पाप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| युज्यते | युज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |