महाभारतम् — 12.288.27
Original
Segmented
यत् क्रोधनो यजते यद् ददाति यद् वा तपः तप्यति यत् जुहोति वैवस्वतः तत् हरते ऽस्य सर्वम् मोघः श्रमो भवति क्रोधनस्य
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यत् | pos=i |
| क्रोधनो | क्रोधन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यजते | यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यद् | यत् | pos=i |
| ददाति | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यद् | यत् | pos=i |
| वा | वा | pos=i |
| तपः | तपस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तप्यति | तप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यत् | यत् | pos=i |
| जुहोति | हु | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| वैवस्वतः | वैवस्वत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| हरते | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मोघः | मोघ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| श्रमो | श्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| क्रोधनस्य | क्रोधन | pos=a,g=m,c=6,n=s |