महाभारतम् — 12.29.32
Original
Segmented
यस्य यज्ञेषु राज-इन्द्र शत-संख्येषु वै पुनः देवान् मनुष्यान् गन्धर्वान् अत्यरिच्यन्त दक्षिणाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यज्ञेषु | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| शत | शत | pos=n,comp=y |
| संख्येषु | संख्य | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| वै | वै | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| मनुष्यान् | मनुष्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| गन्धर्वान् | गन्धर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अत्यरिच्यन्त | अतिरिच् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
| दक्षिणाः | दक्षिणा | pos=n,g=f,c=1,n=p |