महाभारतम् — 12.293.41
Original
Segmented
यदा तु एष गुणान् सर्वान् प्राकृतान् अभिमन्यते तदा स गुणवान् एव परमेण अनुपश्यति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| एष | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्राकृतान् | प्राकृत | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| अभिमन्यते | अभिमन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तदा | तदा | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| गुणवान् | गुणवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| परमेण | परम | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| अनुपश्यति | अनुपश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |