महाभारतम् — 12.294.31
Original
Segmented
यस्माद् यद् अभिजायेत तत् तत्र एव प्रलीयते लीयन्ते प्रतिलोमानि सृज्यन्ते च अन्तरात्मना
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यस्माद् | यद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अभिजायेत | अभिजन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| प्रलीयते | प्रली | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| लीयन्ते | ली | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| प्रतिलोमानि | प्रतिलोम | pos=a,g=n,c=1,n=p |
| सृज्यन्ते | सृज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| च | च | pos=i |
| अन्तरात्मना | अन्तरात्मन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |