महाभारतम् — 12.294.43
Original
Segmented
पञ्चविंशो अप्रबुद्ध-आत्मा बुध्यमान इति स्मृतः यदा तु बुध्यते ऽत्मानम् तदा भवति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पञ्चविंशो | पञ्चविंश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अप्रबुद्ध | अप्रबुद्ध | pos=a,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बुध्यमान | बुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| इति | इति | pos=i |
| स्मृतः | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| यदा | यदा | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| बुध्यते | बुध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| ऽत्मानम् | तदा | pos=i |
| तदा | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| भवति | केवल | pos=a,g=m,c=1,n=s |