महाभारतम् — 12.295.43
Original
Segmented
प्रबोधन-करम् ज्ञानम् सांख्यानाम् अवनीपते विस्पष्टम् प्रोच्यते तत्र शिष्याणाम् हित-काम्या
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रबोधन | प्रबोधन | pos=n,comp=y |
| करम् | कर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| ज्ञानम् | ज्ञान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सांख्यानाम् | सांख्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अवनीपते | अवनीपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विस्पष्टम् | विस्पष्ट | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| प्रोच्यते | प्रवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| शिष्याणाम् | शिष्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| हित | हित | pos=n,comp=y |
| काम्या | काम्या | pos=n,g=f,c=3,n=s |