महाभारतम् — 12.297.21
Original
Segmented
अधृत-आत्मन् धृतौ तिष्ठ दुर्बुद्धे बुद्धिमान् भव अप्रशान्त प्रशाम्य त्वम् अप्राज्ञ प्राज्ञ-वत् चर
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अधृत | अधृत | pos=a,comp=y |
| आत्मन् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| धृतौ | धृति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| तिष्ठ | स्था | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| दुर्बुद्धे | दुर्बुद्धि | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| बुद्धिमान् | बुद्धिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| अप्रशान्त | अप्रशान्त | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| प्रशाम्य | प्रशम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अप्राज्ञ | अप्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| प्राज्ञ | प्राज्ञ | pos=a,comp=y |
| वत् | वत् | pos=i |
| चर | चर् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |