महाभारतम् — 12.298.8
Original
Segmented
याज्ञवल्क्य उवाच श्रूयताम् अवनीपाल यद् एतद् अनुपृच्छसि योगानाम् परमम् ज्ञानम् सांख्यानाम् च विशेषतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| याज्ञवल्क्य | याज्ञवल्क्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्रूयताम् | श्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| अवनीपाल | अवनीपाल | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अनुपृच्छसि | अनुप्रछ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| योगानाम् | योग | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| परमम् | परम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| ज्ञानम् | ज्ञान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| सांख्यानाम् | सांख्य | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| विशेषतः | विशेषतः | pos=i |