महाभारतम् — 12.305.2
Original
Segmented
जङ्घाभ्याम् तु वसून् देवान् आप्नुयाद् इति नः श्रुतम् जानुभ्याम् च महाभागान् देवान् साध्यान् अवाप्नुयात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जङ्घाभ्याम् | जङ्घा | pos=n,g=f,c=3,n=d |
| तु | तु | pos=i |
| वसून् | वसु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| आप्नुयाद् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |
| नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
| श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| जानुभ्याम् | जानु | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| च | च | pos=i |
| महाभागान् | महाभाग | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| साध्यान् | साध्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अवाप्नुयात् | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |