महाभारतम् — 12.31.18
Original
Segmented
नारद उवाच तत् श्रुत्वा सृञ्जयो वाक्यम् पर्वतस्य महात्मनः प्रसादयामास तदा न एतत् एवम् भवेद् इति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| सृञ्जयो | सृञ्जय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पर्वतस्य | पर्वत | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| महात्मनः | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| प्रसादयामास | प्रसादय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तदा | तदा | pos=i |
| न | न | pos=i |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इति | इति | pos=i |