महाभारतम् — 12.312.2
Original
Segmented
मोक्ष-धर्मेषु कुशलो भगवान् प्रब्रवीतु मे यथा मे मनसः शान्तिः परमा सम्भवेत् प्रभो
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मोक्ष | मोक्ष | pos=n,comp=y |
| धर्मेषु | धर्म | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| कुशलो | कुशल | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रब्रवीतु | प्रब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| मनसः | मनस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| शान्तिः | शान्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| परमा | परम | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| सम्भवेत् | सम्भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| प्रभो | प्रभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |