महाभारतम् — 12.312.43
Original
Segmented
पाद-शौचम् तु कृत्वा एव शुकः संध्याम् उपास्य च निषसाद आसने पुण्ये तम् एव अर्थम् विचिन्तयन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| पाद | पाद | pos=n,comp=y |
| शौचम् | शौच | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| एव | एव | pos=i |
| शुकः | शुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| संध्याम् | संध्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| उपास्य | उपास् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| निषसाद | निषद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आसने | आसन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| पुण्ये | पुण्य | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विचिन्तयन् | विचिन्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |