महाभारतम् — 12.313.51
Original
Segmented
यत् फलम् ब्राह्मणस्य इह मोक्ष-अर्थः च यद्-आत्मकः तस्मिन् वै वर्तसे विप्र किम् अन्यत् परिपृच्छसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ब्राह्मणस्य | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| मोक्ष | मोक्ष | pos=n,comp=y |
| अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| यद् | यद् | pos=n,comp=y |
| आत्मकः | आत्मक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| वर्तसे | वृत् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| विप्र | विप्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| परिपृच्छसि | परिप्रच्छ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |