महाभारतम् — 12.314.43
Original
Segmented
यथा हि कनकम् शुद्धम् ताप-छेद-निघर्षणैः परीक्षेत तथा शिष्यान् ईक्षेत् कुल-गुण-आदिभिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| कनकम् | कनक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| शुद्धम् | शुध् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| ताप | ताप | pos=n,comp=y |
| छेद | छेद | pos=n,comp=y |
| निघर्षणैः | निघर्षण | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| परीक्षेत | परीक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तथा | तथा | pos=i |
| शिष्यान् | शिष्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| ईक्षेत् | ईक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कुल | कुल | pos=n,comp=y |
| गुण | गुण | pos=n,comp=y |
| आदिभिः | आदि | pos=n,g=m,c=3,n=p |