महाभारतम् — 12.326.108
Original
Segmented
षट्षष्टिः हि सहस्राणि ऋषीणाम् भावितात्मनाम् सूर्यस्य तपतो लोकान् निर्मिताः ये पुरःसराः तेषाम् अकथयत् सूर्यः सर्वेषाम् भावितात्मनाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| षट्षष्टिः | षट्षष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| सहस्राणि | सहस्र | pos=n,g=n,c=1,n=p |
| ऋषीणाम् | ऋषि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| भावितात्मनाम् | भावितात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| सूर्यस्य | सूर्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तपतो | तप् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निर्मिताः | निर्मा | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| पुरःसराः | पुरःसर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अकथयत् | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| सूर्यः | सूर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| भावितात्मनाम् | भावितात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |