महाभारतम् — 12.326.124
Original
Segmented
गत्वा अन्तरिक्षात् सततम् क्षीरोदम् अमृत-आशयम् पूजयित्वा च देवेशम् पुनः आयात् स्वम् आश्रमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गत्वा | गम् | pos=vi |
| अन्तरिक्षात् | अन्तरिक्ष | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| सततम् | सततम् | pos=i |
| क्षीरोदम् | क्षीरोद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
| आशयम् | आशय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पूजयित्वा | पूजय् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| देवेशम् | देवेश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| आयात् | आया | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| स्वम् | स्व | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| आश्रमम् | आश्रम | pos=n,g=m,c=2,n=s |