महाभारतम् — 12.329.2
Original
Segmented
श्री-भगवान् उवाच हन्त ते वर्तयिष्यामि पुराणम् पाण्डु-नन्दन आत्म-तेज-उद्भवम् पार्थ शृणुष्व एकमनाः मम
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्री | श्री | pos=n,comp=y |
| भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| हन्त | हन्त | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| वर्तयिष्यामि | वर्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| पुराणम् | पुराण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
| नन्दन | नन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| तेज | तेज | pos=n,comp=y |
| उद्भवम् | उद्भव | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| शृणुष्व | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| एकमनाः | एकमनस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |