महाभारतम् — 12.329.27
Original
Segmented
तस्य तानि अस्थीनि तान्यस्थीनि धाता संगृह्य वज्रम् तेन वज्रेन अभेद्येन अप्रधृष्येन ब्रह्म-अस्थि-सम्भूतेन विष्णु-प्रविष्टेन इन्द्रः विश्वरूपम् जघान शिरसाम् च अस्य छेदनम् अकरोत् तस्माद् अनन्तरम् विश्वरूप-गात्र-मथन-संभवम् त्वष्ट्रा उत्पादितम् एव अरिम् वृत्रम् इन्द्रो जघान
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तानि | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| अस्थीनि | अस्थि | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| तान्यस्थीनि | धातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धाता | संग्रह् | pos=vi |
| संगृह्य | वज्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वज्रम् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तेन | तद् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| वज्रेन | वज्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| अभेद्येन | अभेद्य | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| अप्रधृष्येन | अप्रधृष्य | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| अस्थि | अस्थि | pos=n,comp=y |
| सम्भूतेन | सम्भू | pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part |
| विष्णु | विष्णु | pos=n,comp=y |
| प्रविष्टेन | प्रविश् | pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part |
| इन्द्रः | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विश्वरूपम् | विश्वरूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| जघान | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| शिरसाम् | शिरस् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| छेदनम् | छेदन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अकरोत् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तस्माद् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| अनन्तरम् | अनन्तरम् | pos=i |
| विश्वरूप | विश्वरूप | pos=n,comp=y |
| गात्र | गात्र | pos=n,comp=y |
| मथन | मथन | pos=n,comp=y |
| संभवम् | सम्भव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्वष्ट्रा | त्वष्टृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| उत्पादितम् | उत्पादय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| अरिम् | अरि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वृत्रम् | वृत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इन्द्रो | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| जघान | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |