महाभारतम् — 12.33.8
Original
Segmented
अस्मान् अन्त-करान् घोरान् पाण्डवान् वृष्णि-संहितान् आक्रोशन्त्यः कृशा दीना निपत् च भू-तले
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अस्मान् | मद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अन्त | अन्त | pos=n,comp=y |
| करान् | कर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| घोरान् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
| संहितान् | संधा | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
| आक्रोशन्त्यः | आक्रुश् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| कृशा | कृश | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| दीना | दीन | pos=a,g=f,c=1,n=p |
| निपत् | निपत् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
| च | च | pos=i |
| भू | भू | pos=n,comp=y |
| तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |