महाभारतम् — 12.330.33
Original
Segmented
षट्पञ्चाशतम् अष्टौ च सप्तत्रिंशतम् इति उत यस्मिन् शाखाः यजुर्वेदे सो ऽहम् आध्वर्यवे स्मृतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| षट्पञ्चाशतम् | षट्पञ्चाशत् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अष्टौ | अष्टन् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| सप्तत्रिंशतम् | सप्तत्रिंशत् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| उत | उत | pos=i |
| यस्मिन् | यद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| शाखाः | शाखा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| यजुर्वेदे | यजुर्वेद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| आध्वर्यवे | आध्वर्यव | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| स्मृतः | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |