महाभारतम् — 12.34.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच युधिष्ठिरस्य तद् वाक्यम् श्रुत्वा द्वैपायनः तदा समीक्ष्य निपुणम् बुद्ध्या ऋषिः प्रोवाच पाण्डवम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| युधिष्ठिरस्य | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| द्वैपायनः | द्वैपायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
| निपुणम् | निपुण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| बुद्ध्या | बुद्धि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| ऋषिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रोवाच | प्रवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पाण्डवम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=s |