महाभारतम् — 12.348.5
Original
Segmented
नाग-भार्या उवाच आर्जवेन अभिजानामि न असौ देवो ऽनिलाशन एकम् तु अस्य विजानामि भक्तिमान् अति रोषणः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नाग | नाग | pos=n,comp=y |
| भार्या | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| आर्जवेन | आर्जव | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| अभिजानामि | अभिज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| देवो | देव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽनिलाशन | अनिलाशन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| एकम् | एक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विजानामि | विज्ञा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| भक्तिमान् | भक्तिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अति | अति | pos=i |
| रोषणः | रोषण | pos=a,g=m,c=1,n=s |