महाभारतम् — 12.37.33
Original
Segmented
यथा खदिरम् आलम्ब्य शिलाम् वा अपि अर्णवम् तरन् मज्जते मज्जते तद्वद् दाता यः च प्रतीच्छकः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यथा | यथा | pos=i |
| खदिरम् | खदिर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आलम्ब्य | आलम्ब् | pos=vi |
| शिलाम् | शिला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| अर्णवम् | अर्णव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तरन् | तृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| मज्जते | मज्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मज्जते | मज्ज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तद्वद् | तद्वत् | pos=i |
| दाता | दातृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| प्रतीच्छकः | प्रतीच्छक | pos=a,g=m,c=1,n=s |