महाभारतम् — 12.37.34
Original
Segmented
काष्ठैः आर्द्रैः यथा वह्निः उपस्तीर्णो न दीप्यते तपः-स्वाध्याय-चारित्रैः एवम् हीनः प्रतिग्रही
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| काष्ठैः | काष्ठ | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| आर्द्रैः | आर्द्र | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| यथा | यथा | pos=i |
| वह्निः | वह्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उपस्तीर्णो | उपस्तृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| दीप्यते | दीप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तपः | तपस् | pos=n,comp=y |
| स्वाध्याय | स्वाध्याय | pos=n,comp=y |
| चारित्रैः | चारित्र | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| हीनः | हा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्रतिग्रही | प्रतिग्रहिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |