महाभारतम् — 12.37.36
Original
Segmented
निर्मन्त्रो निर्व्रतो यः स्याद् अशास्त्र-ज्ञः ऽनसूयकः अनुक्रोशात् प्रदातव्यम् दीनेषु एवम् नरेषु अपि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| निर्मन्त्रो | निर्मन्त्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| निर्व्रतो | निर्व्रत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| अशास्त्र | अशास्त्र | pos=a,comp=y |
| ज्ञः | ज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽनसूयकः | अनसूयक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अनुक्रोशात् | अनुक्रोश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| प्रदातव्यम् | प्रदा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| दीनेषु | दीन | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| नरेषु | नर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |