महाभारतम् — 12.43.7
Original
Segmented
शुचिश्रवा हृषीकेशो घृतार्चिः हंस उच्यसे त्रि-चक्षुः शम्भुः एकः त्वम् विभुः दामोदरो ऽपि च
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शुचिश्रवा | शुचिश्रवस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हृषीकेशो | हृषीकेश | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| घृतार्चिः | घृतार्चिस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हंस | हंस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उच्यसे | वच् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| त्रि | त्रि | pos=n,comp=y |
| चक्षुः | चक्षुस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शम्भुः | शम्भु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| एकः | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| विभुः | विभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| दामोदरो | दामोदर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| च | च | pos=i |