महाभारतम् — 12.45.15
Original
Segmented
कौस्तुभेन उरः-स्थेन मणिना अभिविराजितम् उदयता इव उदयम् शैलम् सूर्येण आप्त-किरीटिनम् न औपम्यम् विद्यते यस्य त्रिषु लोकेषु किंचन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कौस्तुभेन | कौस्तुभ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| उरः | उरस् | pos=n,comp=y |
| स्थेन | स्थ | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| मणिना | मणि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अभिविराजितम् | अभिविराज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| उदयता | उदि | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |
| उदयम् | उदय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शैलम् | शैल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| सूर्येण | सूर्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| आप्त | आप्त | pos=n,comp=y |
| किरीटिनम् | किरीटिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| औपम्यम् | औपम्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=1,n=s |