महाभारतम् — 12.47.44
Original
Segmented
यस्य अग्निः आस्यम् द्यौः मूर्धा खम् नाभिः चरणौ क्षितिः सूर्यः चक्षुः दिशः श्रोत्रे तस्मै लोक-आत्मने नमः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| आस्यम् | आस्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| द्यौः | दिव् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| मूर्धा | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| खम् | ख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नाभिः | नाभि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| चरणौ | चरण | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| क्षितिः | क्षिति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| सूर्यः | सूर्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चक्षुः | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| दिशः | दिश् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
| श्रोत्रे | श्रोत्र | pos=n,g=n,c=1,n=d |
| तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| आत्मने | आत्मन् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| नमः | नमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |