महाभारतम् — 12.47.57
Original
Segmented
नमः ते भगवन् विष्णो लोकानाम् प्रभव-अप्यय त्वम् हि कर्ता हृषीकेश संहर्ता च अपराजितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| नमः | नमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| भगवन् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विष्णो | विष्णु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| प्रभव | प्रभव | pos=n,comp=y |
| अप्यय | अप्यय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| कर्ता | कर्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हृषीकेश | हृषीकेश | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| संहर्ता | संहर्तृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपराजितः | अपराजित | pos=a,g=m,c=1,n=s |