महाभारतम् — 12.48.15
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततो व्रजन्न् एव गदाग्रजः प्रभुः शशंस तस्मै निखिलेन तत्त्वतः युधिष्ठिराय अप्रतिम-ओजसे तदा यथा भवत् क्षत्रिय-संकुला मही
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततो | ततस् | pos=i |
| व्रजन्न् | व्रज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| गदाग्रजः | गदाग्रज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| शशंस | शंस् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| निखिलेन | निखिलेन | pos=i |
| तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| युधिष्ठिराय | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| अप्रतिम | अप्रतिम | pos=a,comp=y |
| ओजसे | ओजस् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| यथा | यथा | pos=i |
| भवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| क्षत्रिय | क्षत्रिय | pos=n,comp=y |
| संकुला | संकुल | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| मही | मही | pos=n,g=f,c=1,n=s |