Original

शराभिघातदुःखात्ते कच्चिद्गात्रं न दूयते ।मानसादपि दुःखाद्धि शारीरं बलवत्तरम् ॥ १४ ॥

Segmented

शर-अभिघात-दुःखात् ते कच्चिद् गात्रम् न दूयते मानसाद् अपि दुःखात् हि शारीरम् बलवत्तरम्

Analysis

Word Lemma Parse
शर शर pos=n,comp=y
अभिघात अभिघात pos=n,comp=y
दुःखात् दुःख pos=n,g=n,c=5,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
कच्चिद् कच्चित् pos=i
गात्रम् गात्र pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
दूयते दु pos=v,p=3,n=s,l=lat
मानसाद् मानस pos=a,g=n,c=5,n=s
अपि अपि pos=i
दुःखात् दुःख pos=n,g=n,c=5,n=s
हि हि pos=i
शारीरम् शारीर pos=a,g=n,c=1,n=s
बलवत्तरम् बलवत्तर pos=a,g=n,c=1,n=s