महाभारतम् — 12.54.32
Original
Segmented
यावत् हि प्रथते लोके पुरुषस्य यशो भुवि तावत् तस्य अक्षयम् स्थानम् भवति इति विनिश्चितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यावत् | यावत् | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| प्रथते | प्रथ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| पुरुषस्य | पुरुष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यशो | यशस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भुवि | भू | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| तावत् | तावत् | pos=i |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अक्षयम् | अक्षय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| स्थानम् | स्थान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| विनिश्चितम् | विनिश्चि | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |