महाभारतम् — 12.56.46
Original
Segmented
वर्तितव्यम् कुरु-श्रेष्ठ नित्यम् धर्म-अनुवर्तिना स्वम् प्रियम् समभित्यज्य यद् यल् लोक-हितम् भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वर्तितव्यम् | वृत् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अनुवर्तिना | अनुवर्तिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| स्वम् | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| समभित्यज्य | समभित्यज् | pos=vi |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| यल् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| हितम् | हित | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |