महाभारतम् — 12.66.5
Original
Segmented
अकाम-द्वेष-युक्तस्य दण्डनीत्या युधिष्ठिर सम-ईक्षिनः च भूतेषु भैक्ष-आश्रम-पदम् भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अकाम | अकाम | pos=a,comp=y |
| द्वेष | द्वेष | pos=n,comp=y |
| युक्तस्य | युज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| दण्डनीत्या | दण्डनीति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| सम | सम | pos=n,comp=y |
| ईक्षिनः | ईक्षिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| भूतेषु | भूत | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| भैक्ष | भैक्ष | pos=n,comp=y |
| आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
| पदम् | पद | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |